प्रिय पाठकों, आज हम डीमैट अकाउंट के नुकसान पर चर्चा करेंगे। आजकल बहुत से लोग डीमैट अकाउंट का उपयोग करते हैं ताकि वे अपने निवेश को सुरक्षित रख सकें, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि डीमैट अकाउंट आपके निवेश को नुकसान भी पहुँचा सकता है?
शेयर सर्टिफिकेट डिमैट अकाउंट में स्टोर किए जाते हैं। यह आपको अपने शेयरों को किसी भी समय खरीद और बेचने की अनुमति देता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जो आपके निवेश को खराब कर सकते हैं।
जिससे कि आप अपने निवेशों को स्टोर करने से पहले इनके बारे में जान सकें और सही निवेश निर्णय ले सकें, इस पोस्ट में मैं आपको डीमैट अकाउंट के कुछ नुकसानों के बारे में बताऊंगा।
इस पोस्ट में हम जान लेंगे डीमैट अकाउंट के माध्यम से;
आपके शेयरों की सुरक्षा को खतरा भी हो सकता है, क्योंकि आपके शेयरों की हस्तांतरणीयता पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं और आपके शेयरों पर लॉक-इन अवधि भी प्रभावित हो सकती है।
साथ ही, आपको पता चलेगा कि डीमैट अकाउंट के माध्यम से आपके शेयरों को ट्रांसफर करना काफी कठिन हो सकता है और इससे आपके शेयरों की कीमत में गिरावट भी हो सकती है।
यदि आप डीमैट खाते से जुड़े सभी नुकसान को जानना चाहते हैं, तो मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप इस पोस्ट को आज तक पढ़ें।
1) डीमैट अकाउंट में शेयर की वैल्यू गिरने से नुकसान
यदि आपके डीमैट अकाउंट में शेयर की वैल्यू कम हो जाती है, तो आपको नुकसान हो सकता है। डीमैट खाते में शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुरक्षित हैं। आपके डीमैट अकाउंट में भी आपके शेयर की वैल्यू कम हो जाएगी अगर शेयर मार्केट में उनकी कीमत गिरने लगती है।
यदि आप इस मामले में अपने शेयरों को बेचना चाहते हैं, तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उदाहरण के रूप में,
मान लीजिए आपके डीमैट अकाउंट में 500 शेयर हैं और प्रत्येक शेयर 200 रुपये का मूल्य है।
लेकिन बिगड़ते बाजार के कारण आपका शेयर 200 रुपये से 150 रुपये हो जाता है।
ऐसे में, आपको 50 रुपये प्रति शेयर का नुकसान उठाना पड़ेगा अगर आप अपने शेयर को बेच देंगे।
यही कारण है कि डीमैट अकाउंट में शेयरों की वैल्यू कम होने से बचने के लिए मार्केट परिस्थितियों और शेयरों के प्रदर्शन को नियमित रूप से जांचना चाहिए।
2) डीमैट अकाउंट को मैनेज करना मुश्किल है
डिमैट अकाउंट का नुकसान है कि अगर आपके डिमैट अकाउंट में कई सिक्योरिटीज हैं तो उन्हें नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। डीमैट खाते में कई सिक्योरिटीज जमा कर सकते हैं।
लेकिन बहुत से सिक्योरिटीज वाले डीमैट अकाउंट को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है। इसलिए, आपको अपने डीमैट खाते को अक्सर देखना चाहिए।
उदाहरण के रूप में,
अगर आपके डीमैट अकाउंट में दस अलग-अलग कंपनियों के शेयर हैं, तो उन्हें ट्रैक करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि हर कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन और बाजार की परिस्थितियों को नियमित रूप से देखना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
यही कारण है कि आपको अपने डीमैट अकाउंट में शेयरों की प्रगति को नियमित रूप से देखना चाहिए और शेयरों को नियंत्रित करने के लिए अनुभवी सलाह भी लेनी चाहिए।
3) डिमैट अकाउंट पर एक वार्षिक मेंटेनेंस चार्ज देना होगा।
AMC या वार्षिक रखरखाव शुल्क (AMC) भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है। आपका डीमैट अकाउंट ब्रोकर्स से हर वर्ष संभालता है।
AMC चार्ज नुकसानदायक हो सकता है अगर आपके डीमैट अकाउंट में बहुत कम शेयर हैं या उनके शेयर का वैल्यू बहुत कम है।
उदाहरण के लिए, अगर आपके डीमैट अकाउंट में कम शेयर है या आपके शेयर की वैल्यू कम है, तो AMC Charges को हैंडल करना मुश्किल हो सकता है।
इसलिए, डीमैट खाता खोलने से पहले आपको ब्रोकर की लागत पर विचार करना चाहिए अगर आपका निवेश बहुत छोटा है। साथ ही, आपको अपने डीमैट खाते को नियमित रूप से देखकर एएमसी शुल्कों को नियंत्रित करना चाहिए।
4) डिमैट खाते की सुरक्षा को खतरा
डीमैट खाते का अगला बड़ा नुकसान यह है कि डीमैट खाते के माध्यम से सिक्योरिटीज में फ्रॉड होने का खतरा बरकरार है।
इसका अर्थ है कि गैरकानूनी लोग डीमैट अकाउंट हैक कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो आपके शेयर की वैल्यू कम हो सकती है या आपके शेयर में कुछ गड़बड़ भी हो सकती है।
उदाहरण के लिए, आपका डीमैट अकाउंट हैक हो सकता है, इससे आपके शेयर का मूल्य गिर सकता है या आपके शेयर से कुछ गैरकानूनी लेनदेन भी हो सकता है, जो आपके लिए घातक हो सकता है।
यही कारण है कि आपको अपने डीमैट अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए बार-बार निगरानी करना चाहिए और अधिक धन जमा करने से बचना चाहिए। साथ ही, आपको अपने डीमैट अकाउंट में दो-कारक प्रमाणीकरण को लागू करना चाहिए और शक्तिशाली पासवर्ड का उपयोग करना चाहिए।
5) नियमित रूप से अकाउंट स्टेटमेंट की जांच करनी चाहिए
नियमित आधार पर डीमैट अकाउंट स्टेटमेंट को देखना चाहिए। आपके शेयरों का मूल्य कम हो सकता है या आपके शेयरों पर अनधिकृत लेनदेन हो सकता है अगर आप अपने डीमैट खाते की रिपोर्ट को नियमित रूप से नहीं देखते हैं।
उदाहरण के रूप में,
नियमित रूप से अपने डीमैट खाते की रिपोर्ट देखने से आपको पता नहीं चलेगा कि आपके शेयरों का मूल्य घट रहा है या कि कोई गैरकानूनी लेनदेन हो रहा है।
यही कारण है कि आपको अपने डीमैट खाते की रिपोर्ट चेक करते रहना चाहिए और अपनी कार्रवाई का निरीक्षण करना चाहिए। साथ ही, आपको अपने डीमैट खाते में होने वाली कार्रवाई को ट्रैक करने के लिए ईमेल/एसएमएस अलर्ट भी स्थापित करना चाहिए।
6) डीमैट खाते से ओनरशिप हस्तांतरण करना कठिन है
डीएमैट खाते के नुकसान की सूची में अगला नुकसान है कि शेयरों को अपने खाते में स्थानांतरित करना बहुत मुश्किल है।
अगर आपके पास फिजिकल शेयर हैं, तो आपको उन्हें डीमैट अकाउंट में स्थानांतरित करने के लिए डीमैट फॉर्म भरना होगा। आपके शेयरों का स्वामित्व हस्तांतरण करने में काफी समय लग सकता है और इस प्रक्रिया में कई गलतियाँ हो सकती हैं।
उदाहरण के रूप में,
अगर आपके पास फिजिकल शेयर हैं, तो आपको डीमैट फॉर्म भरना होगा ताकि वे डीमैट अकाउंट में स्थानांतरित हो सकें।
आपके शेयर का ओनरशिप देने में अधिक समय लग सकता है अगर आपने फॉर्म को सही तरीके से नहीं भर दिया है।
इसलिए, आपको डीमैट फॉर्म को सही तरीके से भरना चाहिए और सही ब्रोकर की मदद लेनी चाहिए।
7) डीमैट खाते से शेयर ट्रांसफर करने पर प्रतिबंध
आपके शेयरों को डीमैट खाते के माध्यम से हस्तांतरित करने पर भी कुछ प्रतिबंध हो सकते हैं। लीगल इश्यू आपके शेयर की ट्रांसफरेबिलिटी पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है।
उदाहरण के रूप में,
यदि आपके शेयरों में कोई कानूनी मुद्दा होता है तो इससे शेयरों की हस्तांतरण क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इसका अर्थ है कि आप अपने शेयरों को ट्रांसफर या बेच नहीं सकते अगर उनमें कोई लीगल इश्यू है।
इसलिए, आपको अपना निवेश सही तरीके से देखना चाहिए और सही ब्रोकर से मदद लेनी चाहिए। साथ ही, आपको अपने निवेश को डायवर्सिफाइड रखना चाहिए, ताकि आपके शेयरों की हस्तांतरणीयता पर नकारात्मक प्रभाव कम हो सके।
8) डीमैट अकाउंट चार्जेस और फीस से नुकसान
आपके पैसे कम हो सकते हैं क्योंकि डीमैट अकाउंट फीस और चार्जेस हैं। जब आप एक डीमैट अकाउंट खोलते हैं, तो आपको बैंक या ब्रोकर को भुगतान करना होगा।
आपको डीमैट खाते को रखने के लिए वार्षिक शुल्क भी देना पड़ता है।
यही कारण है कि आपके पैसे खत्म हो सकते हैं अगर आपके डीमैट अकाउंट में शेयर नहीं है और आप सिर्फ करों और चार्जों का भुगतान कर रहे हैं।
उदाहरण के रूप में,
मान लीजिए आपने डीमैट अकाउंट खोला है और आपके पास कोई शेयर नहीं है, लेकिन आपको उसे चलाने के लिए 500 रुपये प्रति वर्ष देना पड़ता है।
यदि आप इसे तीन साल तक रखना चाहते हैं, तो आपने सिर्फ एक हजार पांच सौ रुपये खर्च कर दिए हैं।
इस मामले में आपको कोई लाभ नहीं हुआ और आपके पैसे भी खर्च हो गए। यही कारण है कि आपको डीमैट खाता खोलने से पहले उसके सभी खर्चों को जानना चाहिए।
9) डीमैट खाते से शेयर चोरी का खतरा
डीमैट अकाउंट की सुरक्षा कमजोर होने से आपके शेयर चोरी हो सकते हैं, जो अगला बड़ा नुकसान है। डीएमैट अकाउंट प्लेटफॉर्म से हैकर्स आपके डीमैट अकाउंट में पहुँच सकते हैं।
मतलब, अगर आपका डीमैट अकाउंट सुरक्षित नहीं है, तो हैकर्स आपके शेयर चुरा सकते हैं या आपके अकाउंट से शेयर भेज सकते हैं। इसलिए, डीमैट खाते को सुरक्षित रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
उदाहरण के लिए, अगर आप किसी के साथ अपने डीमैट अकाउंट का पासवर्ड या लॉगिन पासवर्ड शेयर करते हैं या वे किसी साइबर अटैक से सुरक्षित नहीं हैं, तो हैकर्स आसानी से आपके डीमैट अकाउंट में पहुँच सकते हैं।
इसलिए, वह आपके शेयर को चुरा सकते हैं और आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि आपके डीमैट खाते का पासवर्ड मजबूत होना चाहिए और उसे अक्सर बदलते रहना चाहिए। साथ ही, फ़ायरवॉल और एंटीवायरस जैसे साइबर सुरक्षा उपकरणों का भी उपयोग करना चाहिए।
10) डिमैट खाते में शेयर प्राइस वोलैटिलिटी का रिस्क
डीमैट अकाउंट का नुकसान यह है कि इसका प्रभाव आपके शेयरों की कीमतों पर भी हो सकता है। शेयरों की कीमत कंपनी के प्रदर्शन और बाजार की स्थिति से ऊपर नीचे होती है।
इसलिए, डीमैट अकाउंट में शेयरों को स्टोर करके रखने से उनकी कीमतें भी प्रभावित हो सकती हैं।
उदाहरण के रूप में,
यदि मार्केट में कोई बुरी खबर आती है या कंपनी का प्रदर्शन खराब हो जाता है, तो शेयरों का मूल्य भी गिर सकता है।
इस स्थिति में आपके डीमैट खाते में शेयरों का मूल्य भी गिर सकता है।
इसलिए, आपको बाजार की स्थिति और कंपनी का प्रदर्शन को देखते रहना चाहिए ताकि आप सही निवेश का निर्णय ले सकें।
11) शेयर ट्रेडिंग शुल्क
डीमैट अकाउंट का अगला नुकसान यह है कि इसमें शेयर ट्रेंडिंग (खरीदने और बेचने के चार्ज) हो सकता है, जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है। डीमैट अकाउंट से शेयर खरीदने या बेचने पर ब्रोकर को कमीशन देना होगा।
कमीशन चार्ज (commission charges) आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है अगर आप बहुत सारे लेन-देन करते हैं।
उदाहरण के रूप में,
यदि आपने डीमैट अकाउंट खोला है और नियमित रूप से शेयर खरीद और बेचते हैं, तो आपको हर सौदे के लिए ब्रोकर को कुछ कमीशन देना होगा।
आपके पैसे कम होने का चांस भी अधिक हो सकता है अगर आपके लेन-देन की संख्या अधिक है।
यही कारण है कि आपको अपने व्यापारों, यानी लेनदेन की संख्या को नियंत्रण में रखना चाहिए और ब्रोकर की लागत से तुलना करना चाहिए। लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट भी अच्छा है, क्योंकि इससे कम ट्रांजैक्शन होते हैं।
12) डीमैट अकाउंट वेरीफिकेशन की प्रक्रिया समय लेती है
डीमैट खाते की सत्यापन प्रक्रिया कभी-कभी बहुत समय लेने वाली, जटिल या अधिक जटिल हो सकती है।
जब आप डीमैट खाता खोलते हैं, ब्रोकर आपसे दस्तावेज मांगता है ताकि आपकी पहचान और पता सत्यापन हो सके। वेरीफिकेशन बहुत समय लेने वाला और कठिन हो सकता है। सत्यापन प्रक्रिया और भी कठिन हो सकता है अगर आपके पास सही दस्तावेज नहीं हैं।
उदाहरण के लिए, आपका डीमैट अकाउंट वेरिफिकेशन मुश्किल हो सकता है अगर आपका आधार कार्ड या पैन कार्ड सही नहीं है या आपका करेंट एड्रेस सही नहीं है।
वेरिफिकेशन प्रक्रिया बहुत समय ले सकती है और आपको डॉक्युमेंट्स को अपडेट करने और औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए अधिक समय और पैसे खर्च करना पड़ सकता है। यही कारण है कि डीमैट अकाउंट खुलने से पहले आपके सारे दस्तावेज तैयार होने चाहिए।
13) डीमैट अकाउंट में शेयरों की गिरावट से नुकसान
बाद में डीमैट अकाउंट का नुकसान यह है कि शेयरों में गिरावट का जोखिम बना रहता है। अर्थात् शेयरों की मूल्यवृद्धि और गिरावट के हिसाब से बदलाव होता है। आपके स्टॉक पोर्टफोलियो भी प्रभावित हो सकता है अगर किसी शेयर की कीमत कम हो जाती है।
उदाहरण के लिए, आपके निवेश पर असर पड़ सकता है अगर किसी कंपनी का शेयर मूल्य मार्केट में बहुत ज्यादा गिर जाता है।
यही कारण है कि शेयर में निवेश करने से पहले आपको मार्केट का विश्लेषण करना चाहिए और इसके पिछले परिणामों को भी देखना चाहिए। साथ ही, बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम कम करने के लिए आपको अपने निवेश को डायवर्सिफाइड रखना चाहिए।
14) बहुत सारे अतिरिक्त शुल्क देने पड़ते हैं
डीमैट अकाउंट का एक और नुकसान यह है कि आपको ब्रोकर की फीस के अलावा विभिन्न चार्जेज, जैसे डीपी चार्जेज, प्लेज चार्जेज और ट्रांजैक्शन चार्जेज आदि का भुगतान करना पड़ सकता है। ये चार्ज आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं अगर आप बहुत ज्यादा ट्रांजैक्शन करते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपके डीमैट अकाउंट में बहुत ज्यादा ट्रांजेक्शन हो रहे हैं, तो आपको ट्रांजेक्शन चार्ज, डीपी चार्ज, pledge charges जैसे चार्जों का भुगतान करना पड़ सकता है।
ये चार्ज बहुत घातक हो सकते हैं अगर आपको सही जानकारी नहीं है। यही कारण है कि डीमैट खाता खोलने से पहले आपको इन लागतों को समझना चाहिए और सही ब्रोकर को चुनना चाहिए।
15) लॉक इन पीरियड से नुकसान होता है
आपके शेयर का लॉक-इन पीरियड भी डीमैट अकाउंट से प्रभावित हो सकता है। अगर आप किसी आईपीओ में निवेश करते हैं और उसका लॉक-इन अवधि है, तो आप उसे बेच नहीं सकते। इसलिए, लॉक-इन अवधि आपकी निवेश रणनीति पर भी असर डाल सकती है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी IPO का लॉक-इन पीरियड है, तो आप उसे बेच नहीं सकते।
लॉक-इन अवधि आपके निवेश पर प्रभाव डाल सकती है और आपकी निवेश रणनीति भी इससे प्रभावित हो सकती है। यही कारण है कि आपको सही आईपीओ रिसर्च करना चाहिए और सही निवेश रणनीति बनानी चाहिए।
हमने डीमैट अकाउंट के नुकसान के बारे में इस पोस्ट में बताया है। जैसा कि आप जानते हैं, डीमैट खाते में अपना निवेश सुरक्षित रखने से कई नुकसान हो सकते हैं।
इसलिए, आपको समय-समय पर अपनी निवेश की निगरानी करते रहना चाहिए और सही स्थान पर डिमैट अकाउंट खोलना चाहिए। साथ ही, आपको अपने निवेश को डायवर्सिफाइड रखना चाहिए ताकि आपके पूरे पोर्टफोलियो में निवेश पर कोई असर न पड़े।
यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि डीमैट अकाउंट के माध्यम से आपके शेयरों को ट्रांसफर करना कठिन हो सकता है और इससे आपके शेयरों की कीमत में गिरावट भी हो सकती है। यही कारण है कि आपको निवेश का सही निर्णय लेने के लिए बाजार की स्थिति और कंपनी की प्रगति को नियमित रूप से देखते रहना चाहिए।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट डिमैट अकाउंट के नुकसान (demat account disadvantages in hindi) पसंद आया होगा।
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उम्मीद है कि आपको ऊपर बताए गए सभी डीमैट अकाउंट के नुकसान का पता चला होगा। अब इस विषय से संबंधित कुछ मूल प्रश्नों और उनके उत्तरों को देखते हैं—