G20 Kya Hai|G20 Countries |G20 Leaders’ Summit 2023

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नमस्कार दोस्तों ये बात सब जानते हैं कि जी 20 की प्रेज़िडेन्सी इस साल इंडिया के पास है यानी जितनी भी समिट्स और फोरमस् होंगे, दुनिया के टॉप 20 देशों के बीच उन्हें इंडिया के द्वारा होस्ट कराया जाएगा। मेन समिट हैं यहाँ पर वो नाइन्थ और टेंथ सितंबर को होगी। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में जहाँ दुनिया के हेड्स ऑफ स्टैटस आएँगे यानी प्रेज़िडन्ट ऑफ प्राइम मिनिस्टर। लेकिन एक सवाल यहाँ आपके मन में आता होगा ये जी 20 होता क्या है की ग्रुप क्यों एग्जिस्ट करता है? इसे बनाने के पीछे क्या मकसद क्यों? हर साल ये देश एक दूसरे से अलग अलग जगह पर मिलते रहते है।

Essay on G20 Summit 2023
Essay on G20 Summit 2023

आइए समझते हैं आज के इस लेख मे .

what is the meaning of g20

20 को समझने से पहले हमें समझना पड़ेगा जी सेवन को क्योंकि जी सेवन जी 20 से पहले बना था। बात है अर्ली 1970। इसकी दुनिया की आर्थिक हालत काफी खराब चल रही थी। वैसे तो इसके पीछे कई कारण थे, लेकिन सबसे बड़ा कारण था 1973 की ऑइल क्राइसिस। ये क्राइसिस तब शुरू हुई जब अरब देशों ने ऑइल पर एक बार गो लगाया। उन देशों को तेल बेचना बंद कर दिया जो इजराइल के सपोर्ट में थे, मोस्टली वेस्टर्न कन्ट्रीज थी। ये जैसे कि अमेरिका और यूरोप में वेस्टर्न देश मिडल ईस्ट से आने वाले तेल पर बहुत ज्यादा

लाई करते थे और इसकी वजह से भारी इकोनॉमिक रिसेप्शन देखने को मिली। इन की सरकारों ने डिसाइड किया। अगर इस इकोनॉमिक हालात को बेहतर करना है तो हमें साथ में ऐक्शन लेने की जरूरत है। इकॉनमी को वापस ट्रैक पर लाने के लिए हमें साथ में बैठकर इकोनॉमिक पॉलिसीज बनानी चाहिए। इसी के चलते कुछ इनफॉर्मल मीटिंग होती है। अमेरिका के व्हाइट हाउस में इन देशों के फ़ाइनैन्स मिनिस्टर्स के बीच में अर्ली 1973 की बात है।

अमेरिका, फ्रांस, यूके और वेस्ट जर्मनी के फाइनैंस मिनिस्टर से एक दूसरे से मिलते हैं। 2 साल बाद ये इटली और जापान को भी इन्क्लूड कर लेते हैं और 1975 में होती है। पहेली जी सिक्स की मीटिंग के फर्स्ट ऑफिशल मीटिंग थी। इसके बाद 1976 में कनाडा भी जौन कर लेता है और ये जी सिक्स का ग्रुप जी सेवन का ग्रुप बन जाता है। ये सा तो देश अपने समय के सबसे डेवलप देशों में से थे। इनकी इकॉनमी इस दुनिया की टॉप इकॉनमी में से थी। लेकिन इसके अलावा भी कई कॉमन चीजें थीं। इनके बीच इन सभी देशों में लिबरल डेमोक्रेट्स ईज़ थी, जो ह्यूमन राइट्स और इनडिविजुअल फ्रीडम जैसी वैल्यू उसको प्रोमोट करती थी।

पोलिटिकल्ली कोल्ड वॉर के समय में ये सारी कंट्रीज़ वेस्टर्न ब्लॉक का हिस्सा थीं, तो आइडीओलॉजिकली भी समे कह सकते हो और इकोनॉमिकली तो ऑफ कोर्स। ये सब ऑइल क्राइसिस और रिसेप्शन जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे तो मेन मकसद इनका यही था। साथ में बैठकर इकोनॉमिक स्ट्रैटेजीज बनाना चल 1998 में रशिया को भी इस ग्रुप में शामिल कर लिया जाता है। जी सेवन जी एट बन जाता है। लेकिन 2014 में जब रशिया ने क्रीमिया को इन्वेस्ट किया था, उसके बाद से रशिया को इस ग्रुप से बाहर निकाल दिया गया। इसी रीज़न से ग्रूप आज के दिन भी जी सेवन है। अब जी 20 पर आए तो इसकी शुरुआत भी इकोनॉमिक क्राइसिस की

वैसे ही हुई थी। सर, 1997 की एशियन फाइनैंशल क्राइसिस साउथ कोरिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड के देशों में इस समय एक भयंकर फाइनैंशल क्राइसिस आई। इसके पीछे क्या कारण था उसकी बात मैं नहीं करूँगा। टॉपिक से ज्यादा डाइवर्ट हो जाएगा। लेकिन ये क्राइसिस इतनी बड़ी थी कि इसकी वजह से होंग कॉन्ग, लाओस, मलेशिया, फिलीपीन्स और कुछ हद तक चाइना, जापान, सिंगापुर, ताइवान और वियतनाम जैसे देश भी इफेक्ट हुए। इन देशों में करेंसी की वैल्यू तेजी से नीचे गिरने लगीं। बेरोजगारी बढ़ने लगी और कुछ देशों में तो दंगे भी देखने को मिल.

इसके अगले साल 1998 में रशिया में भी फाइनैंशल क्राइसिस देखने को मिली। यही कारण था कि रशिया को जिससे वन में इन्क्लूड किया गया इस समय पर। लेकिन जीस सेवन के और मेंबर्स ने ये भी रेलाइस किया कि दुनिया समय के साथ साथ और इंटरकनेक्टेड बनती जा रही है। ग्लोबलाइजेशन इतना ज्यादा देखने को मिल रहा है कि किसी एक देश में प्रॉब्लम होती है तो उसका असर बाकी देशों पर भी पड़ता है। इसलिए अगर पूरी दुनिया में हमें इकोनॉमिक स्टेबिलिटी लानी है और भारी सेशन्स को होने से रोकना है तो हमें दुनिया की जो इमर्जिंग

अनीस हैं, उनके साथ भी साथ में बैठकर ऐक्शन प्लैन्स बनाने होंगे, तो 26 सप्टेंबर साल 19199 जी सेवन की फाइनैंस मिनिस्टर की मीटिंग के दौरान जी 20 ग्रुप की स्थापना करे जाती है।

इस ग्रुप में ये डेवलप्ड कन्ट्रीज डेवलपिंग कन्ट्रीज को भी इन्क्लूड कर लेती है। लेकिन सवाल ये है कि इस जी 20 में किन देशों को रखा जाए और किन देशों को नहीं रखा जाए? सबसे पहले क्राइटिरिया ये होता है की जो जीस सेवन के मेंबर्स है वो तो रहेंगे ही रहेंगे। उसके बाद ये देखा जाता है कि दुनिया के सबसे बड़े देश कौन से हैं जो सबसे बड़ी इकॉनमी इसको हैंडल कर रहे हैं। इसके बेसिस पर चाइना इंडिया, ब्राज़ील, साउथ अफ्रीका और रशिया को इन्क्लूड कर लिया जाता है। फिर देखा जाता है की रीजनली सबसे बड़ी पावर्स कौन सी है, क्योंकि दुनिया के हर एक रीज़न का कोई ना कोई रिप्रजेंटेशन

होना जरूरी है। इसी रीज़न से एशिया में इंडोनेशिया और साउथ कोरिया, साउथ अमेरिका से ब्राज़ील और अर्जेंटीना, नॉर्थ अमेरिका से मैक्सिको, ओशिनिया के रीज़न से ऑस्ट्रेलिया, मिडल ईस्ट के रीज़न से सऊदी अरेबिया और टर्की और यूरोप में जी सेवन के देशों के अलावा पूरे यूरोप को रिप्रजेंट करने के लिए यूरोपियन यूनियन को ऐसा होल्ड कंसिडर कर लिया जाता है। तो आज के दिन 20 में 19 देश है और एक यूरोपियन यूनियन हैं। मोटे मोटे तौर पर आप कह सकते हो की ये 20 देश दुनिया के टॉप 20 देशों में से हैं। ना सिर्फ पॉलिटिकली इकोनॉमिकली बल्कि मिलिट्री वाइज ये पॉप्युलेशन वाइज भी देखो। तो अब इंट्रेस्टिंग चीज़ ये है क्यों?

20 को बनाने के पीछे असली मकसद सिर्फ फाइनैंशल क्राइसिस से डील करना था तो ये 20 ग्रुप की मीटिंग सिर्फ इन देशों के फाइनैंस मिनिस्टर सौर सेंट्रल बैंक गवर्नर के बीच में होती थी। कई सालों तक ऐसे ही होते रहा, जब तक साल 2008 की ग्लोबल फाइनैंशल क्राइसिस नहीं आगे तब इन देशों ने राज़ किया की हमें और सीरियसली मीटिंग करनी चाहिए।

G-20 countries

G20 Countries List 2023

G20 Kya Hai

ग्रुप ऑफ 20 (जी20) का 18वां राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन सितंबर 2023 में नई दिल्ली, भारत में होगा। भारतीय अध्यक्षता के तहत, 2023 में G20 ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ विषय पर ध्यान केंद्रित करेगा। विषय मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीवों के मूल्य और पृथ्वी ग्रह और व्यापक ब्रह्मांड में उनके अंतर्संबंध की पुष्टि करता है।

नेताओं का शिखर सम्मेलन G20 प्रक्रिया और मंत्रिस्तरीय बैठकों, कार्य समूहों और सहभागिता समूहों के माध्यम से वर्ष भर किए गए कार्यों का चरमोत्कर्ष है।

भारतीय प्रेसीडेंसी पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE) पर भी प्रकाश डालेगी, जिसमें व्यक्तिगत जीवनशैली और राष्ट्रीय विकास स्तर दोनों पर पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और जिम्मेदार विकल्पों पर जोर दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य स्वच्छ, हरित और नीला भविष्य प्राप्त करना है। कार्य समूह निम्नलिखित ट्रैक पर ध्यान केंद्रित करेंगे: कृषि, भ्रष्टाचार विरोधी, संस्कृति, डिजिटल अर्थव्यवस्था, आपदा जोखिम में कमी, विकास, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जलवायु स्थिरता, ऊर्जा परिवर्तन, स्वास्थ्य, व्यापार और निवेश, और पर्यटन।

उम्मीद है कि जी20 शिखर सम्मेलन के समापन पर एक नेताओं की घोषणा को अपनाएगा जिसमें मंत्रिस्तरीय और कार्य समूह की बैठकों के दौरान चर्चा की गई और सहमति व्यक्त की गई प्राथमिकताओं के प्रति नेताओं की प्रतिबद्धता बताई गई है।

G-20 countries

G20 19 देशों और EU से बना है। 19 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूसी संघ, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और हैं। हम। भारत के पास 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता है।

G-20 – Logo & Theme

G20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों – केसरिया, सफेद और हरे और नीले रंग से प्रेरणा लेता है। यह पृथ्वी ग्रह को भारत के राष्ट्रीय फूल कमल से जोड़ता है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है। पृथ्वी जीवन के प्रति भारत के ग्रह-समर्थक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य रखता है। G20 लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में लिखा हुआ “भारत” है।

भारत की G20 प्रेसीडेंसी का विषय – “वसुधैव कुटुंबकम” या “एक पृथ्वी · एक परिवार · एक भविष्य” – महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। अनिवार्य रूप से, विषय सभी जीवन – मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीवों – के मूल्य और पृथ्वी ग्रह और व्यापक ब्रह्मांड में उनके अंतर्संबंध की पुष्टि करता है।

यह विषय व्यक्तिगत जीवन शैली के साथ-साथ राष्ट्रीय विकास के स्तर पर भी संबंधित, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और जिम्मेदार विकल्पों के साथ LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर प्रकाश डालता है, जिससे विश्व स्तर पर परिवर्तनकारी कार्यों को बढ़ावा मिलता है जिसके परिणामस्वरूप एक स्वच्छ, हरित और नीला भविष्य होता है।

लोगो और थीम मिलकर भारत के जी20 प्रेसीडेंसी का एक शक्तिशाली संदेश देते हैं, जो दुनिया में सभी के लिए उचित और समान विकास के लिए प्रयासरत है, क्योंकि हम इन अशांत समयों से टिकाऊ, समग्र, जिम्मेदार और समावेशी तरीके से आगे बढ़ते हैं। वे आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र के साथ सद्भाव में रहने के हमारे जी20 प्रेसीडेंसी के लिए एक विशिष्ट भारतीय दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भारत के लिए, G20 की अध्यक्षता “अमृतकाल” की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो 15 अगस्त 2022 को इसकी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से शुरू होने वाली 25 साल की अवधि है, जो इसकी स्वतंत्रता की शताब्दी तक एक भविष्यवादी, समृद्ध, समावेशी और विकसित समाज, जो अपने मूल में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण से प्रतिष्ठित है।

G 20 Countries List 2023 President

CountryLeaderLeader Designation
IndiaNarendra Modi (Host)Prime Minister
ArgentinaAlberto FernándezPresident
AustraliaAnthony AlbanesePrime Minister
BrazilLuiz Inácio Lula da SilvaPresident
CanadaJustin TrudeauPrime Minister
ChinaXi JinpingPresident
FranceEmmanuel MacronPresident
GermanyOlaf ScholzChancellor
IndonesiaJoko WidodoPresident
ItalyGiorgia MeloniPrime Minister
JapanFumio KishidaPrime Minister
MexicoAndrés Manuel López ObradorPresident
RussiaVladimir PutinPresident
Saudi ArabiaSalman bin Abdulaziz Al SaudKing
South AfricaCyril RamaphosaPresident
South KoreaYoon Suk-yeolPresident
TurkeyRecep Tayyip ErdoğanPresident
United KingdomRishi SunakPrime Minister
United StatesJoe BidenPresident
European UnionUrsula von der LeyenPresident of the European Commission
European CouncilCharles MichelPresident of the European Council
African UnionAzali AssoumaniChairperson of the African Union
G 20 Countries List 2023 President
G 20 Countries List 2023 President

G20 Countries List 2023

India

United States

Australia

Canada

Indonesia

United Kingdom

Türkiye

Russia

Germany

China

Japan

Saudi Arabia

Italy

Mexico

France

Argentina

Brazil

South Korea

South Africa

हे दोस्तों, मेरा नाम सोनाली फुगे हैं| में इस ब्लॉग shonali18.com की फाउंडर और सीनियर एडिटर हूँ। मैं By Profession Teacher हूँ और By Passion Youtube Videos ,डिजिटल मार्केटिंग और ब्लॉग्गिंग करती हूँ जो की मेरा शौक है।मेरे शौक के बारे में – मुझे सोशल मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग, इंटरनेट, कंप्यूटर ,सरकारी योजना और जॉब की information देने में रुचि है। मैं हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करती हूं, क्योंकि अगर आपके पास ज्ञान है तो आप कुछ नया कर सकते हैं।“Success की सबसे खास बात है की, वो मेहनत करने वालों पर फ़िदा हो जाती है।” “मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान हो

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